PM Vishwakarma Yojana: 9.6 लाख कारीगरों का बढ़ा कौशल, नया भारत हुआ तैयार!

PM Vishwakarma Yojana: सितंबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई PM Vishwakarma Yojana ने देश के कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन में नया उजाला भर दिया है। इस योजना के तहत, अब तक 9,64,177 उम्मीदवारों को विभिन्न 18 ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे उनके हुनर में निखार आया है और वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हैं।

PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य और उपलब्धियां

केंद्रीय कौशल व उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव अतुल तिवारी के अनुसार, इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को उन्नत करना है। अब तक, 20 लाख से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं, और 625 जिलों के 21,64,036 लोगों के पास पीएम विश्वकर्मा की आईडी भी बन चुकी है। यह दर्शाता है कि योजना ने व्यापक स्तर पर सफलता हासिल की है।

प्रशिक्षण के साथ आर्थिक सहायता

कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड दिया जा रहा है, ताकि उनकी दिहाड़ी प्रभावित न हो और वे अपने कौशल को निखार सकें। इसके अलावा, टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। अब तक, इस योजना के तहत युवाओं को 1,400 करोड़ रुपये का लोन भी दिया गया है, जिससे वे अपने व्यवसाय को और बढ़ा सकें।

बिना गारंटी के लोन की सुविधा

जरूरतमंद युवा बिना गारंटी के दो चरणों में 5% ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं। यह सुविधा उन्हें अपने व्यवसाय को स्थापित करने और उसे बढ़ाने में मदद करती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

शामिल किए गए 18 ट्रेड

सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 प्रकार के ट्रेड शामिल किए हैं, जिनमें बढ़ई (सुथार), नाव निर्माता, शस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा और औजार निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तराशने और तोड़ने वाला, मोची (चर्मकार), राजमिस्त्री, टोकरी बनाने वाला, चटाई निर्माता, नारियल की जटा बुनने वाला, झाड़ू बनाने वाला, लुहार आदि शामिल हैं। इन ट्रेडों के कारीगरों को प्रशिक्षण देकर उनके कौशल को उन्नत किया जा रहा है।

आवेदन प्रक्रिया और मिलने वाले लाभ

पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक उम्मीदवार पीएम विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड के साथ स्किल अपग्रेडेशन, टूलकिट इंसेंटिव, क्रेडिट सपोर्ट, डिजिटल ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव और मार्केटिंग सपोर्ट जैसे लाभ मिलेंगे। यह सभी सुविधाएं कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करती हैं।

भविष्य की दिशा

सरकार ने 2025 तक 18 ट्रेडों के विभिन्न शिल्पकारों और कारीगरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है, और उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी अधिक कारीगर इस योजना से लाभान्वित होंगे। पीएम विश्वकर्मा योजना ने न केवल कारीगरों के जीवन में सुधार लाया है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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