PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कौन-कौन सी जातियां शामिल हैं?

नमस्कार प्रिय पाठकों! आज हम बात करेंगे PM Vishwakarma Yojana के बारे में, जो हमारे देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। आइए जानते हैं, इस योजना में कौन-कौन सी जातियाँ शामिल हैं और उन्हें क्या लाभ मिल सकते हैं।

PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य

PM Vishwakarma Yojana का मुख्य उद्देश्य उन कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देना है, जो अपने हाथों और औजारों से कार्य करते हैं। यह योजना उनके कौशल को निखारने, आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।

शामिल व्यवसाय और जातियाँ

इस योजना में कुल 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है, जो निम्नलिखित हैं:

  1. बढ़ई (सुथार/बढ़ई): लकड़ी के फर्नीचर और अन्य वस्तुओं का निर्माण करने वाले कारीगर।
  2. नाव निर्माता: नाव बनाने वाले कारीगर।
  3. कवचधारी: विभिन्न प्रकार के कवच और सुरक्षा उपकरण बनाने वाले।
  4. लोहार: लोहे के औजार और अन्य वस्तुओं का निर्माण करने वाले।
  5. हथौड़ा और औजार निर्माता: विभिन्न प्रकार के औजार बनाने वाले कारीगर।
  6. ताला निर्माता: ताले और सुरक्षा उपकरण बनाने वाले।
  7. सुनार (गोल्डस्मिथ): सोने और चांदी के आभूषण बनाने वाले।
  8. कुम्हार: मिट्टी के बर्तन और अन्य वस्तुओं का निर्माण करने वाले।
  9. मूर्तिकार: पत्थर, लकड़ी आदि से मूर्तियाँ बनाने वाले।
  10. मोची (चर्मकार): जूते और चमड़े की वस्तुओं का निर्माण और मरम्मत करने वाले।
  11. राजमिस्त्री: भवन निर्माण और ईंट-गारे का कार्य करने वाले।
  12. टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता: बांस, घास आदि से टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले।
  13. गुड़िया और खिलौना निर्माता: पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले।
  14. नाई: बाल काटने और संवारने का कार्य करने वाले।
  15. मालाकार: फूलों की माला बनाने वाले।
  16. धोबी: कपड़े धोने और प्रेस करने का कार्य करने वाले।
  17. दर्जी: कपड़े सिलने का कार्य करने वाले।
  18. मछली पकड़ने का जाल निर्माता: मछली पकड़ने के लिए जाल बनाने वाले।

इन व्यवसायों से संबंधित प्रमुख जातियाँ जैसे बघेल, बड़गर, बग्गा, भारद्वाज, लोहार, पांचाल आदि इस योजना के अंतर्गत आती हैं। कुल मिलाकर, लगभग 140 से अधिक जातियाँ इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।

योजना के लाभ

इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:

  • कौशल उन्नयन: 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिनों या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण, जिसमें प्रति दिन ₹500 का वजीफा दिया जाता है।
  • टूलकिट प्रोत्साहन: ₹15,000 तक का टूलकिट प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
  • क्रेडिट सहायता: बिना गारंटी के ₹3 लाख तक का ऋण, 5% की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध है।
  • डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: डिजिटल लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन ₹1 का प्रोत्साहन, अधिकतम 100 लेनदेन प्रति माह तक।
  • विपणन सहायता: गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर ऑनबोर्डिंग, विज्ञापन, प्रचार और अन्य विपणन गतिविधियों के रूप में सहायता।

निष्कर्ष

PM Vishwakarma Yojana हमारे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके कौशल को निखारने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगी। यदि आप या आपके जानने वाले इन व्यवसायों से जुड़े हैं, तो इस योजना का लाभ अवश्य उठाएँ और अपने सपनों को साकार करें।

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